CEC News: कांग्रेस सांसद सह लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने ज्ञानेश कुमार को अगला मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त करने के केंद्र के आधी रात के फैसले की तीखी आलोचना की है।
न्यूज इंप्रेशन, संवाददाता
New Delhi: कांग्रेस सांसद सह लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने ज्ञानेश कुमार को अगला मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त करने के केंद्र के आधी रात के फैसले की आलोचना की है। उनके नामांकन को भारत के मुख्य न्यायाधीश को चयन समिति से हटाकर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन बताया है। गांधी जो उस तीन सदस्यीय पैनल का हिस्सा हैं, जैसे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने कल रात इस समय नए मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा था कि उनके चयन को नियंत्रित करने वाले कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर इस सप्ताह सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई होनी है।
राहुल ने पीएम व गृह मंत्री को किया एक असहमति नोट प्रस्तुत
कांग्रेस नेता ने एक असहमति नोट साझा किया था, जिसे उन्होंने आज एक्स पर पोस्ट किया। हालांकि, बाद में सूत्रों ने बताया कि केंद्र ने इस पर जोर देने की योजना बनाई है, क्योंकि प्रक्रिया को रोकने का मतलब होगा कि महत्वपूर्ण पद खाली रह जाएगा। कुछ घंटों बाद ज्ञानेश कुमार को राजीव कुमार की जगह नया मुख्य चुनाव आयुक्त नामित किया गया। मंगलवार सुबह राहुल ने युद्ध की राह पर कदम बढ़ा दिया। उन्होंने लिखा है कि अगले मुख्य चुनाव आयुक्त का चयन करने वाली समिति की बैठक के दौरान, मैंने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को एक असहमति नोट प्रस्तुत किया, जिसमें कहा गया था कि कार्यकारी हस्तक्षेप से मुक्त एक स्वतंत्र चुनाव आयोग का सबसे बुनियादी पहलू… चुनाव आयुक्त और मुख्य चुनाव आयुक्त को चुनने की प्रक्रिया है।
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन
गांधी ने एक्स पर कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करके और भारत के मुख्य न्यायाधीश को समिति से हटाकर, मोदी सरकार ने हमारी चुनावी प्रक्रिया की अखंडता पर करोड़ों मतदाताओं की चिंताओं को बढ़ा दिया है। लोकसभा में विपक्ष के नेता के रूप में बाबासाहेब अंबेडकर और हमारे राष्ट्र के संस्थापक नेताओं के आदर्शों को बनाए रखना और सरकार को जवाबदेह ठहराना मेरा कर्तव्य है। प्रधानमंत्री व गृह मंत्री द्वारा नए मुख्य चुनाव आयुक्त का चयन करने का आधी रात को निर्णय लेना अपमानजनक और अशिष्टतापूर्ण है। जबकि समिति की संरचना और प्रक्रिया को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी जा रही है। इस पर 48 घंटे से भी कम समय में सुनवाई होनी है। अगले मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर विवाद कानून में एक विवादास्पद बदलाव से, जो अब कहता है कि उनका चयन पीएम, एक कैबिनेट मंत्री और विपक्ष के नेता से मिलकर बने पैनल द्वारा किया जाएगा।
विवाद पैदा करना मकसदः धर्मेंद्र प्रधान
आलोचकों का तर्क है कि इससे केंद्र को अगले चार वर्षों में लगभग दो दर्जन राज्य चुनावों के संचालन की देखरेख करने वाले व्यक्ति को चुनने में बढ़त मिलती है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को अगले सीईसी के चयन पर राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी की आपत्तियों को नियुक्ति के इर्द-गिर्द विवाद पैदा करने और दुष्प्रचार करने का एक और प्रयास करार दिया।
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