शहादत दिवस : बिहार लेनिन अमर शहीद जगदेव दलित उत्पीड़ित, शोषित व वचितों की थे आवाज, वर्ण विहीन समाज की स्थापना के लिए थी कुर्बानी 

सोमवार को चास स्थित कुशवाहा भवन में अर्जक संघ की ओर से बिहार लेलिन अमर शहीद जगदेव प्रसाद का शहादत दिवस शहीद दिवस के रूप में मनाया गया। अध्यक्षता नंदकिशोर प्रसाद व रविंद्र प्रसाद सिंह ने की।

वक्ताओं ने कहा कि बिहार लेनिन अमर शहीद जगदेव प्रसाद दलित उत्पीड़ित, शोषित और वंचितों की आवाज थे। इनकी सुख-समृद्धि, अस्मिता, समानता और मानवतावाद के लिए ही नारा दिया था- “सौ मे नब्बे शोषित है नब्बे भाग हमारा है। यह नारा अर्जकों के हक हकूक के लिए चुनौती थीं। सामांतशाही जातिवादी शोषकों के विरुद्ध उनका संघर्ष मानवीय समानता का संघर्ष था। इन्होंने वर्ण विहीन, वर्ग विहीन भारतीय समाज की स्थापना के लिए अपनी कुर्बानी दे दी। आज देश के आम आवाम संकटग्रस्त है।

उड़ाई जा रही संविधान की खिल्ली:

वक्ताओं ने कहा कि खुलेआम भारतीय संविधान को जलाया जा रहा है इसकी खिल्ली उड़ाई जा रही है. इस विषम परिस्थिति में जगदेव बाबू का विचारधारा, सोच, संकल्प, संघर्ष और बलिदान ही हम अर्जकों का प्रेरणा स्त्रोत है। संचालन राम सागर दास व गणेश शर्मा ने किया। कार्यक्रम को बीके प्रसाद, डीके सिंह, अशोक कुमार, सुरेश बैठा, कुंवर सिंह, सुनील गांधी, प्रवीण कुमार सिंह, उषा कुमारी, प्रभात कुमार व सुनील प्रसाद ने संबोधित किया। इसके पहले मीना, मीरा कसीदा, मालती, खुशावती, डीडी राम, सीडी रजक ने मानववादी गीत गाकर लोगों को जागरूक किया।


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